प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
11. मगध राज्य का उत्कर्ष हर्यक, शिशुनाग और नंद वंश मगध साम्राज्य की स्थापना और विस्तार
मगध
राज्य का उत्कर्ष
मगध
राज्य प्राचीन भारत का एक
प्रमुख राज्य था, जिसने भारतीय
उपमहाद्वीप के राजनीतिक और
सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। इस राज्य का
उत्कर्ष हर्यक, शिशुनाग, और नंद वंशों
के शासनकाल में हुआ, जिन्होंने
मगध को एक सशक्त
साम्राज्य में परिवर्तित किया।
हर्यक,
शिशुनाग और नंद वंश
- हर्यक
वंश: मगध राज्य के प्रथम शासक बिंबिसार (544-491 ई.पू.) ने हर्यक वंश की स्थापना की। बिंबिसार ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक नीतियों से मगध का विस्तार किया। उनकी नीति "संधि और विजय" पर आधारित थी, जिसमें उन्होंने मैत्री और विवाह संबंधों के माध्यम से अपने राज्य का विस्तार किया। बिंबिसार के पुत्र अजातशत्रु ने भी इस नीति को आगे बढ़ाया और कई राज्यों को पराजित कर मगध को और सशक्त बनाया।
- शिशुनाग
वंश: हर्यक वंश के पतन के बाद शिशुनाग वंश का उदय हुआ। शिशुनाग (शासनकाल: 413-395 ई.पू.) ने अवंति और वत्स राज्यों को विजित कर मगध राज्य की सीमाओं को और विस्तारित किया। इस वंश के शासकों ने मगध की राजधानी को राजगृह से पाटलिपुत्र (आज का पटना) स्थानांतरित किया, जिससे मगध एक मजबूत और संगठित साम्राज्य बना।
- नंद
वंश: शिशुनाग वंश के बाद नंद वंश (शासनकाल: 345-321 ई.पू.) ने मगध पर शासन किया। महापद्म नंद इस वंश के सबसे प्रमुख शासक थे, जिन्होंने "एकराट" की उपाधि धारण की, जिसका अर्थ है "संपूर्ण भारत का राजा"। नंद वंश ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सुधार किए और एक शक्तिशाली सेना का निर्माण किया। नंदों की अपार धन-संपत्ति और सैन्य शक्ति ने मगध राज्य को अपराजेय बना दिया।
मगध
साम्राज्य की स्थापना और विस्तार
मगध
राज्य का विस्तार और
इसकी सत्ता की स्थापना मुख्य
रूप से इन वंशों
के समय में हुई।
- राजनैतिक
विस्तार:
बिंबिसार और अजातशत्रु जैसे शासकों ने पड़ोसी राज्यों को युद्ध में पराजित कर या उनके साथ मैत्री संबंध स्थापित कर मगध का विस्तार किया। अजातशत्रु ने वैशाली और कौशांबी जैसे शक्तिशाली राज्यों को पराजित किया, जिससे मगध उत्तरी भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य बन गया।
- साम्राज्य
की प्रशासनिक व्यवस्था: नंद वंश के शासनकाल में मगध राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और भी अधिक व्यवस्थित और संगठित किया गया। कर प्रणाली में सुधार, एक स्थायी सेना का गठन, और प्रशासनिक पदों का वितरण इनकी प्रमुख नीतियों में शामिल थे।
- आर्थिक
और सांस्कृतिक विकास: मगध राज्य का उत्कर्ष न केवल राजनीतिक बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था। कृषि, व्यापार, और शिल्पकला का विकास इस समय में हुआ। पाटलिपुत्र, जो कि मगध की राजधानी थी, भारत का एक प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया।
मगध
राज्य का यह उत्कर्ष
भारत के इतिहास में
एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसने आने
वाले समय में मौर्य
साम्राज्य के उदय का
मार्ग प्रशस्त किया।
महत्वपूर्ण बिंदु
मगध
राज्य का उत्कर्ष (Rise of Magadha
Empire)
1. मगध
राज्य की स्थिति और महत्व (Geographical Location
and Importance of Magadha):
- भौगोलिक स्थिति:
- मगध राज्य वर्तमान बिहार के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में स्थित था। इसकी राजधानी राजगृह और बाद में पाटलिपुत्र थी।
- मगध की भौगोलिक स्थिति, गंगा नदी के किनारे होने के कारण, इसे कृषि, व्यापार, और सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती थी।
- प्राकृतिक संसाधन:
- मगध की भूमि उपजाऊ थी और यहाँ लोहा, तांबा और अन्य धातुएँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थीं, जो इसे सैन्य और औद्योगिक रूप से सुदृढ़ बनाती थीं।
- राजनीतिक महत्व:
- मगध साम्राज्य का उत्कर्ष 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व से शुरू हुआ और यह भारत के सबसे शक्तिशाली राज्यों में से एक बन गया। इसके साम्राज्य के विस्तार में कुशल प्रशासन, सेना और सामरिक नीतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. हर्यक
वंश (Haryanka
Dynasty):
- स्थापना:
- हर्यक वंश की स्थापना बिंबिसार द्वारा की गई थी, जिन्होंने लगभग 544 ईसा पूर्व से 492 ईसा पूर्व तक शासन किया। बिंबिसार मगध के प्रथम महान शासक थे।
- बिंबिसार का शासन:
- बिंबिसार ने मगध साम्राज्य के विस्तार के लिए कुशल रणनीतियाँ अपनाईं। उन्होंने वैवाहिक गठबंधनों द्वारा अपने राज्य का विस्तार किया, जैसे कोशल, लिच्छवी, और मल्ल राज्य के साथ विवाह करके।
- बिंबिसार ने अपनी राजधानी राजगृह (वर्तमान राजगीर) में बनाई और प्रशासनिक सुधार किए।
- उन्होंने बौद्ध धर्म का समर्थन किया और गौतम बुद्ध के अनुयायी बन गए।
- अजातशत्रु (Ajatashatru):
- बिंबिसार के पुत्र अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या करके सत्ता प्राप्त की और लगभग 492 ईसा पूर्व से 460 ईसा पूर्व तक शासन किया।
- अजातशत्रु ने पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) की स्थापना की और इसे अपनी नई राजधानी बनाया।
- उन्होंने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए लिच्छवियों और वज्जियों को हराया और मगध साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार किया।
- अजातशत्रु के सैन्य सुधार:
- अजातशत्रु ने सैन्य सुधार किए, जिनमें रथों पर घुड़सवार और युद्ध हाथियों का उपयोग किया गया।
- उन्होंने युद्ध में महाशिलाकंटक (बड़े पत्थर फेंकने वाली मशीन) और रथमूसल (रथ में लगा शस्त्र) जैसे हथियारों का उपयोग किया।
3. शिशुनाग
वंश (Shishunaga
Dynasty):
- शिशुनाग का शासन:
- अजातशत्रु के बाद मगध में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हुई, जिसे शिशुनाग ने दूर किया। उन्होंने शिशुनाग वंश की स्थापना की और लगभग 413 ईसा पूर्व से 395 ईसा पूर्व तक शासन किया।
- शिशुनाग ने अवंती राज्य को हराकर मगध में मिला लिया, जिससे मगध साम्राज्य की शक्ति और बढ़ गई।
- कालान्तर में अवंती और मगध का एकीकरण:
- अवंती राज्य के एकीकरण के साथ, मगध साम्राज्य उत्तरी भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य बन गया और इसका नियंत्रण मध्य भारत तक विस्तारित हो गया।
- कुशल प्रशासन:
- शिशुनाग ने अपने शासनकाल में प्रशासनिक सुधार किए और अपने साम्राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत किया। उन्होंने अपनी राजधानी को राजगृह से वैशाली में स्थानांतरित किया।
- कालाशोक (Kalashoka):
- शिशुनाग के पुत्र कालाशोक ने अपने पिता के बाद मगध की सत्ता संभाली और उन्होंने दूसरी बौद्ध संगीति का आयोजन किया। उनके शासनकाल में मगध की शांति और समृद्धि बनी रही।
4. नंद
वंश (Nanda
Dynasty):
- नंद वंश की स्थापना:
- शिशुनाग वंश के पतन के बाद महापद्म नंद ने नंद वंश की स्थापना की। महापद्म नंद को नंद वंश का सबसे प्रमुख शासक माना जाता है।
- उन्हें 'अधिराज' और 'सर्वक्षत्रांतक' की उपाधि दी गई, जिसका अर्थ है सभी क्षत्रियों का संहारक। उन्होंने स्वयं को 'एकराट' (सम्पूर्ण पृथ्वी का एकमात्र राजा) घोषित किया।
- महापद्म नंद का शासन:
- महापद्म नंद ने उत्तर भारत के अधिकांश क्षत्रिय राज्यों को पराजित करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने काशी, कोसल, अवंती, कुरु, और पांचाल राज्यों को अपने साम्राज्य में मिलाया।
- नंद वंश के शासकों ने अपने शासन में कठोर कर व्यवस्था लागू की और मजबूत सैन्य शक्ति का निर्माण किया।
- नंद वंश की शक्ति:
- नंद वंश के पास अत्यधिक संपत्ति और विशाल सेना थी। उनकी सेना में बड़ी संख्या में हाथी, घोड़े और पैदल सैनिक थे, जो उन्हें अन्य राज्यों से अधिक शक्तिशाली बनाते थे।
- धनानंद:
- महापद्म नंद के उत्तराधिकारी धनानंद अंतिम नंद शासक थे, जो अपने अत्यधिक कर लगाने और अत्याचार के कारण लोकप्रिय नहीं थे।
- धनानंद के समय में नंद वंश की शक्ति कमजोर होने लगी, और उनकी क्रूरता और अत्याचार के कारण जनता असंतुष्ट हो गई। इसी समय चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
5. मगध
साम्राज्य की स्थापना और विस्तार (Foundation and
Expansion of the Magadha Empire):
- राजनीतिक और सैन्य विस्तार:
- मगध साम्राज्य का विस्तार हर्यक, शिशुनाग, और नंद वंश के शासकों के तहत हुआ। उनकी सैन्य शक्ति और कूटनीति ने उन्हें उत्तरी भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य बनाया।
- मगध की आर्थिक शक्ति का आधार कृषि, व्यापार और कर प्रणाली थी, जो राज्य के सामरिक विस्तार के लिए महत्वपूर्ण थी।
- धन का संचित होना:
- नंद वंश के शासक अपने कठोर कर वसूली और विशाल खजानों के लिए जाने जाते थे। उनके खजानों ने मगध को आर्थिक रूप से समृद्ध और सैन्य दृष्टि से मजबूत बनाया।
- मौर्य वंश की स्थापना:
- नंद वंश के पतन के बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की सहायता से नंद वंश को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना की, जो बाद में एक विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में उभरा।
मगध
राज्य का उत्कर्ष पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) और उनके उत्तर
- मगध राज्य के प्रथम शासक कौन थे?
- (A)
अजातशत्रु
- (B)
बिंबिसार
- (C)
महापद्म नंद
- (D)
शिशुनाग
उत्तर: (B) बिंबिसार - हर्यक वंश की स्थापना किसने की थी?
- (A)
अजातशत्रु
- (B)
बिंबिसार
- (C)
महापद्म नंद
- (D)
शिशुनाग
उत्तर: (B) बिंबिसार - मगध राज्य की राजधानी कहाँ स्थानांतरित की गई थी?
- (A)
वैशाली
- (B)
कौशांबी
- (C)
पाटलिपुत्र
- (D)
उज्जैन
उत्तर: (C) पाटलिपुत्र - निम्नलिखित में से कौन-सा वंश शिशुनाग वंश के बाद आया?
- (A)
मौर्य वंश
- (B)
नंद वंश
- (C)
गुप्त वंश
- (D)
शुंग वंश
उत्तर: (B) नंद वंश - नंद वंश का सबसे प्रमुख शासक कौन था?
- (A)
चंद्रगुप्त मौर्य
- (B)
महापद्म नंद
- (C)
बिंबिसार
- (D)
अजातशत्रु
उत्तर: (B) महापद्म नंद - महापद्म नंद ने कौन-सी उपाधि धारण की थी?
- (A)
चक्रवर्ती
- (B)
सम्राट
- (C)
एकराट
- (D)
धर्मराज
उत्तर: (C) एकराट - किस शासक ने वैशाली राज्य को पराजित किया?
- (A)
बिंबिसार
- (B)
अजातशत्रु
- (C)
शिशुनाग
- (D)
महापद्म नंद
उत्तर: (B) अजातशत्रु - नंद वंश के किस शासक ने सबसे अधिक प्रशासनिक सुधार किए?
- (A)
बिंबिसार
- (B)
अजातशत्रु
- (C)
महापद्म नंद
- (D)
शिशुनाग
उत्तर: (C) महापद्म नंद - मगध राज्य का सबसे बड़ा आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र कौन-सा था?
- (A)
राजगृह
- (B)
पाटलिपुत्र
- (C)
वैशाली
- (D)
कौशांबी
उत्तर: (B) पाटलिपुत्र - मगध राज्य के किस वंश ने पहली बार स्थायी सेना का गठन किया?
- (A)
हर्यक वंश
- (B)
शिशुनाग वंश
- (C)
नंद वंश
- (D)
मौर्य वंश
उत्तर: (C) नंद वंश - अजातशत्रु किस वंश के शासक थे?
- (A)
हर्यक वंश
- (B)
शिशुनाग वंश
- (C)
नंद वंश
- (D)
मौर्य वंश
उत्तर: (A) हर्यक वंश - मगध राज्य की राजधानी राजगृह से किस वंश के शासकों ने पाटलिपुत्र स्थानांतरित की?
- (A)
नंद वंश
- (B)
मौर्य वंश
- (C)
हर्यक वंश
- (D)
शिशुनाग वंश
उत्तर: (D) शिशुनाग वंश - नंद वंश के शासकों की अपार धन-संपत्ति का प्रमुख कारण क्या था?
- (A)
कृषि
- (B)
व्यापार
- (C)
कर प्रणाली
- (D)
युद्ध विजय
उत्तर: (C) कर प्रणाली - महापद्म नंद किस वंश के संस्थापक थे?
- (A)
मौर्य वंश
- (B)
हर्यक वंश
- (C)
शिशुनाग वंश
- (D)
नंद वंश
उत्तर: (D) नंद वंश - मगध राज्य के किस वंश ने अवंति और वत्स राज्यों को विजित किया?
- (A)
हर्यक वंश
- (B)
शिशुनाग वंश
- (C)
नंद वंश
(D) मौर्य
वंश
उत्तर: (B) शिशुनाग वंश
- मगध राज्य का उत्कर्ष किस वंश के शासनकाल में हुआ?
(A) मौर्य
वंश
(B) शिशुनाग
वंश
(C) हर्यक
वंश
(D) नंद
वंश
उत्तर: (D) नंद वंश
- नंद वंश का अंतिम शासक कौन था?
(A) महापद्म
नंद
(B) धनानंद
(C) चंद्रगुप्त
मौर्य
(D) बिंबिसार
उत्तर: (B) धनानंद
- नंद वंश की सेना किस प्रकार की थी?
(A) अस्थायी
(B) स्थायी
- (C)
मित्र सेना
- (D)
कोई नहीं
उत्तर: (B) स्थायी - मगध राज्य की सीमा किस वंश के शासनकाल में सबसे अधिक विस्तारित हुई?
- (A)
हर्यक वंश
- (B)
शिशुनाग वंश
- (C)
नंद वंश
- (D)
मौर्य वंश
उत्तर: (C) नंद वंश - पाटलिपुत्र किस नदी के किनारे स्थित था?
- (A)
गंगा
- (B)
यमुना
- (C)
सरस्वती
- (D)
गोदावरी
उत्तर: (A) गंगा