प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
10. वैष्णवधर्म वैष्णव संप्रदाय और पूजा पद्धतियाँ भागवत धर्म और भक्ति आंदोलन
वैष्णवधर्म का वर्णन
वैष्णवधर्म हिंदू धर्म की प्रमुख शाखाओं में से एक है, जिसमें भगवान विष्णु और उनके अवतारों को सर्वोच्च देवता के रूप में पूजा जाता है। वैष्णवधर्म की परंपराएँ, पूजा पद्धतियाँ और धार्मिक विचारधारा ने भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
वैष्णव संप्रदाय और पूजा पद्धतियाँ
वैष्णवधर्म के अंतर्गत विभिन्न संप्रदाय आते हैं, जिनमें श्रीसम्प्रदाय, माधवसम्प्रदाय, रामानुजसम्प्रदाय, और गौड़ीय वैष्णवसम्प्रदाय प्रमुख हैं। इन संप्रदायों में भगवान विष्णु के अवतारों, विशेषकर श्रीराम और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
वैष्णव पूजा पद्धतियों में भगवान विष्णु या उनके अवतारों की मूर्ति या चित्र की स्थापना कर, उनका अभिषेक (स्नान), फूल, फल, तिलक और नैवेद्य (भोग) अर्पित किया जाता है। वैष्णव भक्त तुलसी दल, चंदन और प्रसाद के रूप में तुलसी के पत्तों का उपयोग करते हैं। विष्णु सहस्रनाम, श्रीमद्भागवत गीता और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों का पठन और श्रवण भी वैष्णव पूजा का अभिन्न अंग हैं। वैष्णव संप्रदाय में विशेष रूप से एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण है, जिसमें भक्त उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
भागवत धर्म और भक्ति आंदोलन
भागवत धर्म वैष्णवधर्म का ही एक रूप है, जिसमें भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की भक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। भागवत धर्म का प्रमुख ग्रंथ श्रीमद्भागवत है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, लीलाओं और शिक्षाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। भागवत धर्म ने भारत में भक्ति आंदोलन को प्रेरित किया, जो कि एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन था, जिसमें भक्ति को प्रमुखता दी गई।
भक्ति आंदोलन का उदय मध्यकालीन भारत में हुआ और इसका प्रमुख उद्देश्य भगवान की भक्ति के माध्यम से मुक्ति प्राप्त करना था। इस आंदोलन के प्रमुख संतों में रामानंद, चैतन्य महाप्रभु, सूरदास, मीरा बाई और तुलसीदास शामिल थे। इन संतों ने अपनी रचनाओं और उपदेशों के माध्यम से समाज में प्रेम, समानता और भगवान के प्रति अनन्य भक्ति का संदेश फैलाया। भक्ति आंदोलन ने वैष्णवधर्म को जन-जन तक पहुँचाया और इसे और अधिक लोकप्रिय बनाया।
वैष्णवधर्म और भक्ति आंदोलन ने भारतीय समाज में एकता, प्रेम और आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया और यह आज भी भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धारा का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
महत्वपूर्ण बिंदु
वैष्णवधर्म
(Vaishnavism)
1. वैष्णवधर्म
का परिचय (Introduction to
Vaishnavism):
- वैष्णवधर्म:
- वैष्णवधर्म हिंदू धर्म की प्रमुख शाखाओं में से एक है, जिसमें भगवान विष्णु और उनके अवतारों (विशेष रूप से राम और कृष्ण) की पूजा की जाती है।
- भगवान विष्णु को संसार के पालनकर्ता और संरक्षणकर्ता के रूप में माना जाता है।
- भगवान विष्णु:
- विष्णु को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) में से एक माना जाता है, जिनका कार्य सृष्टि का पालन और संतुलन बनाए रखना है।
- विष्णु के दस प्रमुख अवतारों को दशावतार कहा जाता है, जिनमें राम, कृष्ण, वराह, नरसिंह, और वामन प्रमुख हैं।
2. वैष्णव
संप्रदाय
(Vaishnava Sects):
- श्री संप्रदाय (Ramanuja
Sampradaya):
- श्री संप्रदाय का संस्थापक रामानुजाचार्य थे, जिन्होंने विशिष्टाद्वैत वेदांत का प्रचार किया।
- इस संप्रदाय में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- मध्व संप्रदाय (Dvaita
Vedanta):
- इस संप्रदाय के संस्थापक मध्वाचार्य थे, जिन्होंने द्वैत वेदांत का प्रचार किया। वे भगवान विष्णु के अवतारों की भक्ति पर बल देते थे।
- वल्लभ संप्रदाय (Pushtimarg):
- इस संप्रदाय के संस्थापक वल्लभाचार्य थे, जिन्होंने कृष्ण भक्ति पर आधारित पुष्टिमार्ग का प्रचार किया। इसमें कृष्ण को परम पूज्य माना जाता है।
- गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय (Gaudiya
Vaishnavism):
- यह संप्रदाय चैतन्य महाप्रभु द्वारा स्थापित किया गया था, जो कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति पर बल देता है। इसमें रासलीला और हरिनाम संकीर्तन का विशेष स्थान है।
- निम्बार्क संप्रदाय (Dvaitadvaita
Vedanta):
- निम्बार्काचार्य द्वारा स्थापित इस संप्रदाय में राधा-कृष्ण की पूजा की जाती है और द्वैत-अद्वैत दर्शन पर बल दिया जाता है।
3. वैष्णव
पूजा पद्धतियाँ (Vaishnava Worship
Practices):
- मूर्ति पूजा (Idol Worship):
- वैष्णवधर्म में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की मूर्तियों और चित्रों की पूजा की जाती है।
- श्रीमद्भागवत गीता और अन्य धर्मग्रंथों का पाठ पूजा के समय किया जाता है।
- आरती और भजन:
- वैष्णव पूजा में भगवान की आरती और भजनों का गायन प्रमुख होता है। भक्त भगवान विष्णु की स्तुति में भक्ति गीत गाते हैं।
- हरिनाम संकीर्तन:
- हरिनाम संकीर्तन में भगवान विष्णु या कृष्ण के नामों का समूह में गायन किया जाता है। यह वैष्णव भक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- तुलसी पूजा:
- तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और उसकी पूजा वैष्णवधर्म में विशेष रूप से की जाती है।
- एकादशी व्रत:
- वैष्णव भक्त एकादशी के दिन व्रत रखते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास और विशेष पूजा की जाती है।
- प्रसाद अर्पण:
- भगवान विष्णु को भोग लगाकर प्रसाद अर्पण किया जाता है। भोजन को शुद्ध करके भगवान को अर्पित करने के बाद भक्तों में बांटा जाता है।
4. भागवत
धर्म (Bhagavata
Dharma):
- भागवत धर्म का परिचय:
- भागवत धर्म वैष्णवधर्म का एक प्रमुख रूप है, जिसमें भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण की भक्ति पर बल दिया जाता है।
- भागवत धर्म का प्रमुख ग्रंथ श्रीमद्भागवत है, जिसमें भगवान कृष्ण के जीवन और उपदेशों का वर्णन किया गया है।
- कृष्ण की पूजा:
- भागवत धर्म में भगवान कृष्ण को सर्वोच्च ईश्वर माना जाता है और उनकी बाललीलाओं और रासलीलाओं की पूजा की जाती है।
- नारद भक्ति सूत्र:
- भागवत धर्म का मूल आधार नारद भक्ति सूत्र पर आधारित है, जिसमें भक्ति को सर्वोच्च साधना बताया गया है।
- रासलीला:
- भागवत धर्म में कृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला का विशेष स्थान है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
5. भक्ति
आंदोलन (Bhakti
Movement):
- भक्ति आंदोलन का परिचय:
- भक्ति आंदोलन एक धार्मिक और सांस्कृतिक आंदोलन था, जो मध्यकालीन भारत में उभरा। इसका उद्देश्य धर्म को जाति, लिंग, और सामाजिक वर्ग से ऊपर उठाकर भक्ति को सबके लिए सुलभ बनाना था।
- भक्ति संत:
- भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में मीराबाई, सूरदास, तुलसीदास, कबीर, और रैदास शामिल हैं, जिन्होंने भगवान की भक्ति को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया।
- एकेश्वरवाद और प्रेम भक्ति:
- भक्ति आंदोलन ने एकेश्वरवाद (एक ही ईश्वर की पूजा) पर बल दिया और ईश्वर के प्रति प्रेम भक्ति को महत्वपूर्ण माना।
- समाज सुधार और जातिवाद विरोध:
- भक्ति संतों ने सामाजिक असमानता और जातिवाद का विरोध किया। उन्होंने यह संदेश दिया कि ईश्वर की भक्ति में कोई भी भेदभाव नहीं होता।
- राम भक्ति और कृष्ण भक्ति:
- भक्ति आंदोलन में राम और कृष्ण की भक्ति प्रमुख रही। राम भक्ति के संत तुलसीदास और कृष्ण भक्ति के संत सूरदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भगवान की महिमा का गान किया।
- हरिनाम संकीर्तन और कीर्तन:
- भक्ति आंदोलन के दौरान हरिनाम संकीर्तन और कीर्तन का विशेष महत्व था, जिसमें समूह में भगवान के नामों का गुणगान किया जाता था।
वैष्णवधर्म पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: वैष्णवधर्म में भगवान विष्णु का कौन सा अवतार प्रमुख है?
a) बुद्ध
b) शिव
c) श्रीकृष्ण
d) हनुमान
सही उत्तर: c) श्रीकृष्ण
प्रश्न 2: वैष्णव संप्रदाय के किस संत ने श्रीराम को भगवान के रूप में पूजा?
a) तुलसीदास
b) सूरदास
c) चैतन्य महाप्रभु
d) रामानंद
सही उत्तर: a) तुलसीदास
प्रश्न 3: वैष्णवधर्म में पूजा के लिए किस पौधे की पत्तियों का उपयोग किया जाता है?
a) पीपल
b) नीम
c) तुलसी
d) बेल
सही उत्तर: c) तुलसी
प्रश्न 4: श्रीमद्भागवत में किस भगवान के जीवन और लीलाओं का वर्णन किया गया है?
a) भगवान शिव
b) भगवान विष्णु
c) भगवान श्रीकृष्ण
d) भगवान गणेश
सही उत्तर: c) भगवान श्रीकृष्ण
प्रश्न 5: वैष्णवधर्म में किस दिन का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है?
a) द्वादशी
b) एकादशी
c) चतुर्थी
d) सप्तमी
सही उत्तर: b) एकादशी
प्रश्न 6: श्रीरामचरितमानस किस संत द्वारा रचित है?
a) सूरदास
b) कबीर
c) तुलसीदास
d) मीराबाई
सही उत्तर: c) तुलसीदास
प्रश्न 7: वैष्णव संप्रदाय में किस पर्व को प्रमुखता से मनाया जाता है?
a) शिवरात्रि
b) होली
c) जन्माष्टमी
d) गणेश चतुर्थी
सही उत्तर: c) जन्माष्टमी
प्रश्न 8: श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश भगवान श्रीकृष्ण ने किसे दिया?
a) अर्जुन
b) भीम
c) युधिष्ठिर
d) धृतराष्ट्र
सही उत्तर: a) अर्जुन
प्रश्न 9: वैष्णवधर्म के अंतर्गत किस भगवान की मूर्ति की स्थापना और पूजा की जाती है?
a) ब्रह्मा
b) विष्णु
c) इंद्र
d) अग्नि
सही उत्तर: b) विष्णु
प्रश्न 10: भागवत धर्म का प्रमुख ग्रंथ कौन सा है?
a) रामायण
b) महाभारत
c) श्रीमद्भागवत
d) वेद
सही उत्तर: c) श्रीमद्भागवत
प्रश्न 11: किस वैष्णव संत ने "हरे कृष्णा, हरे राम" मंत्र का प्रचार किया?
a) रामानुज
b) रामानंद
c) चैतन्य महाप्रभु
d) वल्लभाचार्य
सही उत्तर: c) चैतन्य महाप्रभु
प्रश्न 12: वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र कौन सा है?
a) वाराणसी
b) मथुरा
c) तिरुपति
d) हरिद्वार
सही उत्तर: c) तिरुपति
प्रश्न 13: मीराबाई किस भगवान की भक्त थीं?
a) श्रीराम
b) श्रीकृष्ण
c) शिव
d) गणेश
सही उत्तर: b) श्रीकृष्ण
प्रश्न 14: वैष्णवधर्म में किस अवतार को "परशुराम" के रूप में जाना जाता है?
a) राम
b) कृष्ण
c) विष्णु
d) वामन
सही उत्तर: c) विष्णु
प्रश्न 15: वैष्णवधर्म के किस ग्रंथ में विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है?
a) शिव पुराण
b) रामायण
c) विष्णु पुराण
d) भगवद गीता
सही उत्तर: c) विष्णु पुराण
प्रश्न 16: वैष्णवधर्म के किस संप्रदाय ने "अद्वैत वेदांत" का प्रचार किया?
a) श्रीसम्प्रदाय
b) माधवसम्प्रदाय
c) गौड़ीय वैष्णव
d) रामानुजसम्प्रदाय
सही उत्तर: d) रामानुजसम्प्रदाय
प्रश्न 17: भागवत धर्म का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
a) तपस्या
b) बलिदान
c) भक्ति और प्रेम
d) यज्ञ
सही उत्तर: c) भक्ति और प्रेम
प्रश्न 18: वैष्णव संप्रदाय में किसे "अष्टछाप कवि" कहा जाता है?
a) सूरदास
b) कबीर
c) मीराबाई
d) तुलसीदास
सही उत्तर: a) सूरदास
प्रश्न 19: गौड़ीय वैष्णवधर्म के संस्थापक कौन थे?
a) रामानुजाचार्य
b) चैतन्य महाप्रभु
c) वल्लभाचार्य
d) विष्णुस्वामी
सही उत्तर: b) चैतन्य महाप्रभु
प्रश्न 20: वैष्णवधर्म में भगवान विष्णु के किस अवतार को "काल्की" कहा गया है?
a) अंतिम अवतार
b) पहला अवतार
c) चौथा अवतार
d) दसवां अवतार
सही उत्तर: a) अंतिम अवतार